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लिखित स्पष्टीकरण दे,नहीं तो 25 हजार का जुर्माना।रुद्रपुर के आरटीआई कार्यकर्ता को एक वर्ष के बाद भी नहीं मिली सूचना।राज्य सूचना आयोग गंभीर,पत्र जारी कर दिए आदेश।पढ़ें,कौन से दो स्कूलों की सूचना देने से बच रहा विभाग। दोनों स्कूल आर.टी.ई में कर चुके बड़ा घोटाला

नरेन्द्र राठौर(खबर धमाका)। रुद्रपुर के दो निजी स्कूलों को लेकर शिक्षा विभाग से आरटीआई कार्यकर्ता मनीष बाबा द्वारा 06 विंदुओं पर मांगी गई सूचना न देने को राज्य सूचना आयोग ने गंभीरता से लिया है। राज्य सूचना आयोग ने मामले में सुनवाई करते हुए ऊधमसिंहनगर के शिक्षा विभाग में तैनात सूचना अधिकारी से लिखित में स्पष्टीकरण मांगने के साथ 250 प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है। राज्य सूचना ने जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक,खंड शिक्षा अधिकारी रुद्रपुर, लोक सूचना अधिकारी रुद्रपुर को तत्काल निःशुल्क सूचना देने का आदेश भी दिया है।

रुद्रपुर के आरटीआई कार्यकर्ता मनीष बाबा के मुताबिक उन्होंने आरटीआई के तहत 20 अक्टूबर 2023 को शिक्षा विभाग से प्रीत बिहार वार्ड 25 यूके कान्वेंट इंटर कालेज की मान्यता,भूमि समेत 06 विंदुओं पर पर सूचना मांगी गई थी, इसमें एक सूचना रेशम बाड़ी में स्थिति शिवसर्च इंटर कालेज में हुए आर.टी.ई घोटाले से सम्बंधित था। मनीष के मुताबिक 29 नम्बर 2023 को तत्कालीन सूचना अधिकारी

ने पत्र सूचना दी कि जिन विंदुओं पर सूचना मांगी गई है इन विंदुओं की सूचना उपलब्ध नहीं है।इसको लेकर उन्होंने एक दिसंबर 2023 को प्रथम अपीलीय अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक ऊधमसिंहनगर के यह अपील दायर की।जिसका निस्तारण विभागीय अपीलीय अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक डीएस राजपूत ने करते हुए सूचना अधिकारी व खंड शिक्षा अधिकारी रुद्रपुर को आदेश दिया था कि सूचना दस दिन में उपलब्ध कराई जाए। जिसका समय 27 फरवरी 2024 निर्धारित किया गया था, लेकिन अपीलीय अधिकारी के आदेश के बाद भी उन्हें सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई। जिसके बाद उन्होंने राज्य सूचना आयोग में अपील दाखिल कर सूचना में है रही देरी को लेकर कार्यवाही की मांग की थी।उनकी अपील पर 15 अक्टूबर 2024 को राज्य सूचना आयुक्त ने सुनवाई की। जिसमें विभागीय अपीलीय अधिकारी के रुप में विभागीय प्रशासनिक अधिकारी अमरदीप सिंह उपस्थिति हुए। जिसमें सुनवाई के बाद राज्य सूचना आयुक्त ऊधमसिंहनगर जिला शिक्षा विभाग में नियुक्त लोक सूचना अधिकारी दिनेश नरायण शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए लिखित में स्पष्टीकरण मांगा है, नोटिस में कहा कि अपीलीय अधिकारी के आदेश के अनुपालन के बिलंब में क्यों ने उनपर 250 रुपए प्रतिदिन का, अधिकतम 25 हजार का जुर्माना लगाया जाए।

आरटीआई कार्यकर्ता मनीष बाबा की मानें तो जिन दो स्कूलों की उन्होंने जानकारी मांगी है,उनकी मान्यता मानकों को ताक में रखकर शिक्षा विभाग की मिलीभगत से हुई है, यूके कान्वेंट स्कूल सीलिंग की जमीन पर अवैध रुप से बना है,उसकी बिल्डिंग का नक्शा भी पास नहीं, रेशम बाड़ी के शिव सर्च स्कूल का भी यही हाल है। दोनों स्कूलों में फर्जी प्रमाणपत्रो आर.टी.ई घोटाला भी हो चुका है। जिसमें शिक्षा विभाग के कुछ कर्मचारी भी शामिल हैं, इसीलिए विभाग उन्हें सूचना नहीं देना चाह रहा है। रुद्रपुर का खंड शिक्षा कार्यलय भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है।

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