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उधमसिंह नगर

बाघ ने वृद्ध किसान को बनाया निवाला, लोगों में दहशत।खेत की रखवाली कर रहा था किसान। देखिए कहां हुई घटना से डरें लोग

नरेन्द्र राठौर(खबर धमाका)। ऊधमसिंहनगर के गूलरभोज क्षेत्र में खेत की चौकीदारी कर रहे वृद्ध को बाघ ने मार डाला। घटना के बाद लोगों में दहशत है। रेंजर गौतम ने बताया कि प्रथमदृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बाघ चौकीदार को खेत से 50 मीटर दूर तक नाले के पास घसीटते हुए ले गया होगा।

कोपा कृपाली निवासी बलबीर सिंह (65) पीपलपड़ाव रेंज में यासीन के खेत में रात्रि चौकीदारी करते थे। शनिवार रात बाघ ने उन पर हमला कर दिया। रविवार सुबह खेत मालिक के परिजन जब उन्हें चाय देने गए तो वह वहां नहीं मिले। उनकी पगड़ी जमीन पर पड़ी थी। आसपास तलाशने पर झाले से 50 मीटर दूर उनका क्षत-विक्षत शव पड़ा मिला। सूचना पर डीएफओ यूसी तिवारी और रेंजर आरएन गौतम, चौकी प्रभारी विजेंदर कुमार मौके पर पहुंचे। मृतक की तीन बेटियां और एक बेटा है। बेटा मजदूरी करता है। उनकी मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। बीते साल भी एक बाघ ने जंगल में शौच के लिए गए ग्रामीण प्रेम सिंह पर हमला कर दिया था।

रुद्रपुर। तराई के जंगलों में बाघों की तादाद में इजाफा और जंगलों में बढ़ते मानव हस्तक्षेप से मानव-वन्यजीव संघर्ष में इजाफा हो रहा है। दो साल में बाघों के हमलों में आठ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। ज्यादातर घटनाएं जंगल के भीतर हुईं हैं।

सर्दियों में बाघों और तेंदुओं के हमले बढ़ जाते हैं। आंकड़ों के अनुसार वर्ष -2023 में प्रदेश में 17 लोगों की मौत हुई थी। 2022 में 16 लोगों ने बाघों के हमले में जान गंवाई थीं।

बीते कुछ वर्षों में तराई के जंगलों में बाघों की संख्या में इजाफा हुआ है। पिछले साल हुई गणना में तराई पूर्वी वन प्रभाग में 53, तराई पश्चिमी में 52 और तराई केंद्रीय वन प्रभाग में आठ बाघ रिपोर्ट हुए थे। मई में ही तराई केंद्रीय वन प्रभाग के जंगल में बनाए गए कुंड में बाघ का कुनबा पानी पीते कैमरे में कैद हुआ था। एक साथ कुंड में एक कुनबे के पांच बाघ पानी पी रहे थे। वहीं बाघों की तादाद बढ़ने के साथ हमले भी बढ़े हैं। शनिवार रात पीपलपड़ाव रेंज के जंगल में चौकीदार को बाघ ने निवाला बना लिया लेकिन आंकड़ों में सबसे अधिक तराई पूर्वी वन प्रभाग के खटीमा क्षेत्र के जंगलों में लोगों ने बाघ के हमले में जान गंवाई है।

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