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उत्तराखंड

खूनी शनिवार, हादसे में बुझे एक ही घर के चार चिराग।कार ने दो स्कूटी सवार को रौंदा,तीन महिलाओं समेत चार की मौत।राष्ट्रीय राजमार्ग चकरपुर-बनबसा जंगल के बीच हुई घटना।मेरा नाती, मेरा नाती कहते जमीन नेम बहादुर की सांसे

नरेन्द्र राठौर                                                                          रुद्रपुर (खबर धमाका)।  ऊधमसिंहनगर के खटीमा क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग चकरपुर बनबसा जंगल के बीच जुरिया नाले के समीप एक कार सवार ने दो स्कूटी सहित तीन महिला एवं एक पुरूष सहित चार लोगों को रौंद दिया। मृतक एक ही परिवार के है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू कर दी है। घटना की सूचना से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।

हादसे के बाद अस्पताल में रोते बिलखते परिजन 

गोयल कॉलोनी मुडेली निवासी 60 वर्षीय नेम बहादुर चंद पुत्र देव बहादुर चंद अपनी पत्नी 55 वर्षीय सरस्वती देवी, 27 वर्षीय बहू नर्मदा चंद एवं भाई की पत्नी 42 वर्षीय कल्पना चंद के साथ दो स्कूटी पर सवार होकर शनिवार की सुबह पड़ोसी देश नेपाल के महेंद्र नगर गए थे। बताते हैं कि उनकी वहां रिश्तेदारी है और बहू का भी मायका है। दोपहर में जब वह वापस घर लौट रहे थे। इसी दौरान अपराह्न दो बजे चकरपुर बनबसा जंगल के बीच जुरिया नाले के समीप कार संख्या यूके 04 एजी-5849 के चालक ने उनकी दोनों स्कूटी को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि स्कूटी से छिटक कर दो महिलाएं राजमार्ग किनारे झाड़ियों में जा गिरी। घटना के बाद कार चालक मौके से फरार हो गया। सूचना पर चकरपुर चौकी प्रभारी प्रियांशु जोशी मौके पर पहुंचे। साथ ही एसएसआई अशोक कुमार भी दल बल के साथ घटनास्थल पर आ पहुंचे। उन्होंने तीनों को 108 सेवा से अस्पताल पहुंचाया। एसएसआई कुमार ने नेम बहादुर को अपनी कार से अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें भी मृत घोषित कर दिया। सभी मृतक एक ही परिवार के हैं। नर्मदा के पति की एक साल पहले ही मौत हुई है। वहीं पुलिस क्षेत्राधिकारी वीर सिंह अस्पताल पहुंचकर परिजनों को ढांढस बंधाया। पुलिस शवां के पंचनामा भर पोस्टमार्टम कराने की तैयारी में जुटी हुई है। पुलिस ने कार को अपने कब्जे में ले लिया है।

हादसें के बाद नेशनल हाइवे पर लगा जाम
खटीमा। हादसें के बाद नेशनल हाइवे पर जाम लग गया। मार्ग के दोनो ओर वाहनो की लम्बी कतार लग गई। मौके पर वाहनो से निकलकर सवारियों ने भी घायलो की मदद का प्रयास शुरू कर दिया। हादसें के बाद सड़क किनारे बनी खाई मे बच्चें की टोपी मिलने से अंदेशा लगाया जाने लगा कि बच्चा भी हादसें का शिकार हो गया। काफी खोजबीन के बाद कोई नही मिला तब लोगो ने राहत की सांस ली। वही कई सवारियां परिजनो को ढ़ाढस बंधाने अस्पताल भी पहुची।
मेरा नाती, मेरा नाती कहते जमीन नेम बहादुर की सांसे

खटीमा। हादसें के बाद मौकें पर पहुची पुलिस ने नेम बहादुर चंद की सांसे चलते देख पुलिस ने अपने वाहन मे अस्पताल पहुचाया। रास्ते मे नेम बहादुर चंद मेरा नाती, मेरा नाती कहते रहे। पुलिस पूछती रही लेकिन वह कुछ और नही बता सके। अस्पताल पहुचें ही उसनी सांसे थम गई।

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