उधमसिंह नगर

और ब्राह्मण के रुप में राम को मिले हनुमान। सुग्रीव व बाली के बीच हुई लडाई

नरेन्द्र राठौर 

रुद्रपुर(खबर धमाका)। मुख्य रामलीला में विगत रात्रि राम विलाप, राम-जटायु संवाद, राम-हनुमान का महामिलन, हनुमान का राम-लक्ष्मण को अपनें कंधों पर बैठाकर श्रष्यमूक पर्वत ले जाना, राम सुग्रीव मित्रता, सुग्रीव-बाली युद्ध, बाली वध, अंगद विलाप तक की लीला का का मंचन हुआ। विगत रात्रि की रामलीला का उद्घाटन मुख्य अतिथि आषियाना ग्रुप व सशक्त इंफ्राटेक प्रा0 लिमिटेड के डायरेक्टर  वैभव ग्रोवर  एवं  कशिष खेड़ा तथा अति विषिश्ट अतिथि समाजसेवी नरेष ग्रोवर, बिट्टू ग्रोवर, रामनाटक क्लब के डायरेक्टर आषीश ग्रोवर आषू, विजय चिलाना, नोनी ग्रोवर, लवी ग्रोवर नें संयुक्त रूप से सपरिवार दीप प्रज्जवलित कर किया। रामलीला कमेटी ने सभी अतिथिगणो को माल्यार्पण कर, षाल ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

गणेश वंदना एवं राम वंदना के बाद प्रारम्भ हुयी लीला के प्रथम दृष्य में आज राम अपनी कुटिया में वापस आते हैं। वहां सीता को न पाकर राम को घबरा जाते हैं। राम विलाप करते हुये सीताजी को खोजते है। इसी दौरान उन्हें गंभीर रूप से घायल पक्षीराज जटायु दिखते है। मृत्यु से पूर्व जटायु बताते हैं कि रावण नाम का राक्षस सीता जी का हरण कर दक्षिण दिशा की तरफ गया है। इसके बाद षबरी से उनकी मुलाकात होती है। षबरी के मीठे बेर राम को बहुत भाते हैं, लेकिन लक्ष्मण बेर नहीं खाते। राम दक्षिण दिषा की तरफ लगातार आगे बढ़ते जाते है।
जब सुग्रीव ने राम और लक्ष्मण को देखा तो वह भयभीत हो गया। उसने हनुमान को कहा कि हमारी जान को खतरा है। सुग्रीव की बातें सुनकर हनुमानजी ब्राह्मण का रूप धरकर वहां गए और मस्तक नवाकर विनम्रता से राम और लक्ष्मण से पूछने लगे। हे वीर! आप कौन हैं, जो क्षत्रिय के रूप में वन में फिर रहे हैं।

विस्तृत बातचीत के बाद प्रभु को पहचानकर हनुमानजी उनके चरण पकड़कर पृथ्वी पर गिर पड़े। उन्होंने साष्टांग दंडवत प्रणाम कर स्तुति की। अपने नाथ को पहचान लेने से हृदय में हर्ष हो रहा था। फिर हनुमानजी ने कहा- हे स्वामी! मैंने जो पूछा वह मेरा पूछना तो न्याय था, वर्षों के बाद आपको देखा, वह भी तपस्वी के वेष में और मेरी वानरी बुद्धि… इससे मैं तो आपको पहचान न सका और अपनी परिस्थिति के अनुसार मैंने आपसे पूछा, परंतु आप मनुष्य की तरह कैसे पूछ रहे हैं? मैं तो आपकी माया के वश भूला फिरता हूं। इसी से मैंने अपने स्वामी (आप) को नहीं पहचाना, किंतु आप तो अंतरयामी हैं।

ऐसा कहकर हनुमानजी अकुलाकर प्रभु के चरणों पर गिर पड़े। उन्होंने अपना असली शरीर प्रकट कर दिया। उनके हृदय में प्रेम छा गया, तब श्री रघुनाथजी ने उन्हें उठाकर हृदय से लगा लिया और अपने नेत्रों के जल से सींचकर शीतल किया। हनुमान जी दोनों सुकुमारों को अपने कंधे पर बैठकर ऋषिमुख पर्वत पर ले जाते हैं, जहां सुग्रीव और राम की मित्रता हो जाती है।

राम के कहने पर सुग्रीव ने बाली को जा ललकारता है। दोनों में भारी युद्ध होता है, बाली सुग्रीव की अच्छी मरम्मत करता है। जैसे तैसे सुग्रीव भाग कर जान बचाता है। उलाहना देने पर राम उसे बताते है कि तुम दोनो एक समान दिखते हो। इस बार तुम एक माला पहन कर जाओ। दूसरी बार ललकारे जाने मुझे मुक्ति मिले ! हे प्रभो! यह मेरा पुत्र अंगद विनय और बल में मेरे ही समान है, इसे स्वीकार कीजिए और हे देवता और मनुष्यों के नाथ! बाँह पकड़कर इसे अपना दास बनाइए।यह कहकर बाली दम तोड़ देता है। उसकी पत्नी तारा और पुत्र अंगद बिलख उठते हैं। बालक अंगद कहता है कि हे पिता उठो, मेने तो अभी न आपके साथ खेला है, न कुछ खाया है। राम दोनो को दिलासा देते हैं। वर्षा ऋतु बीतनें के बाद राम व सुग्रीव वानर दलों को चारो दिषांओं में भेजते है। दक्षिण की तरफ हनुमान व अंगद सहित सबसे मजबूत वानर दल को रवाना करने के साथ ही आज की लीला को विराम दे दिया जाता है।

आज राम की भूमिका में मनोज अरोरा, हनुमान की भूमिका में सुशील गाबा, लक्ष्मण की भूमिका में गौरव राज बेहड़, गणेश भगवान की भूमिका में आषीश ग्रोवर, जटायु की भूमिका में राजेन्द्र ग्रोवर, शबरी की भूमिका में नरेश छाबड़ा, सुग्रीव की भूमिका में विशाल अनेजा, बाली की भूमिका में वैभव भुड्डी, अंगद की भूमिका में कनव गंभीर, नल- हर्ष अरोरा, नील जय तनेजा, सेनापति की भूमिका में आयुश्मान सुशील गाबा नें शानदार अभिनय कर उपस्थित हजारो जनता का मन मोह लिया। संचालन मंच सचिव संदीप धीर, विजय जग्गा एवं केवल कृश्ण बत्रा नें किया।

इस दौरान श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष पवन अग्रवाल, महामंत्री विजय अरोरा, कोशाध्यक्ष अमित गंभीर सीए, समन्वयक नरेश शर्मा, अमित अरोरा बोबी, मोहन लाल भुड्डी, राजेष छाबड़ा, महावीर आजाद, राकेष सुखीजा, मनोज मदान, राजेश पप्पल, उमेश पसरीचा, विक्की घई, सोनू वर्मा, कर्मचन्द राजदेव, हरीश अरोरा, विजय जग्गा, सुभाश खंडेलवाल, बिट्टू ग्रोवर, केवल कृश्ण बत्रा, मोहन लाल गाबा, विजय विरमानी, मनोज गाबा, रवि बठला, अमित चावला, आषीश मिड्ढा, प्रेम खुराना, संजीव आनन्द, गौरव तनेजा, हरीश सुखीजा, मनोज मंुजाल, विशाल भुड्डी, अनिल तनेजा, रमन अरोरा, कुक्कू शर्मा, गौरव राज बेहड़, सौरभ राज बेहड़, पवन गाबा पल्ली, राजकुमार कक्कड़, सचिन मंुजाल, सुभाष तनेजा, चिराग तनेजा, रवि अरोरा, चिराग कालड़ा, रोहित जग्गा, सचिन तनेजा,गौरव जग्गा, सचिन आनन्द, सुमित आनन्द, रोहित नागपाल, अमन गुम्बर, रोहित खुराना, सन्नी आहूजा, अमित वर्मा, कपिश सुखीजा, लवी ग्रोवर, नोनी ग्रोवर, नीतिश धीर, कुंदन, सिद्धान्त ग्रोवर, सन्नी सुखीजा, जतिन सुखीजा, आदि उपस्थित थे।

बाक्स 001- श्रीराम लीला में आज होगा लंका दहन
श्रीराम लीला में आज हनुमान संपाती संवाद, जामवन्त द्वारा हनुमान जी को उनकी षक्तियां याद दिलाना, हनुमान का लंका पहुंचना, रावण-सीता संवाद, हनुमान सीता संवाद, हनुमान द्वारा अशोक वाटिका को उजाड़ना, हनुमान-अक्षय कुमार युद्ध, अक्षय कुमार वध, हनुमान- मेघनाद संवाद, मेघनाद द्वारा ब्रहमास्त्र का प्रयोग कर हनुमान जी को बंदी बनाना, हनुमान-रावण संवाद, लंका दहन, हनुमान की राम कैंप में वापसी आदि दृष्य प्रमुख रूप से दिखाये जायेंगंे।

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