उधमसिंह नगर

आ जाओ मेरे बजरंग बली,अब रात गुजरनें वाली है….। मुख्य रामलीला का केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री भट्ट ने किया शुभारंभ। रामलीला मंच के विकास के लिए पांच लाख की घोषणा

नरेन्द्र राठौर 

रुद्रपुर(खबर धमाका)।  मुख्य रामलीला में विगत रात्रि लक्ष्मण मेघनाद युद्ध, लक्ष्मण को ब्रहमास्त्र लगना, राम विलाप, हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाना, मेघनाद का यज्ञ विध्वंस, मेघनाद रावण अंतिम मिलन, मेघनाद-सुलोचना संवाद, मेघनाद-लक्ष्मण युद्ध, मेघनाद वध तक की सुंदर व भव्य लीला का आयोजन हुआ।

मुख्य रामलीला में बानर सेना के साथ हनुमान के भेष में समाजसेवी सुशील गाबा 

विगत रात्रि की रामलीला का उद्घाटन मुख्य अतिथि भारत सरकार के रक्षा राज्य मंत्री, नैनीताल-उधम सिंह नगर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अजय भट्ट दीप प्रज्जवलित कर किया। आज के कार्यक्रम में श्री रामलीला कमेटी के सरपरस्त किच्छा विधायक तिलक राज बेहड़ एवं क्षेत्रीय विधायक शिव अरोरा की गरिमामय उपस्थिति रही। रामलीला कमेटी ने मुख्य अतिथि सांसद अजय भट्ट को श्री गणेश जी की प्रतिमा भेंट कर एवं शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया तथा सभी अतिथिगणो को माल्यार्पण कर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

आज गणेश वंदना, राम वंदना एवं हनुमान वंदना के बाद प्रारम्भ हुयी लीला के प्रथम दृश्य में रावण को यह सूचना मिलती है कि राम के हाथों कुंभकरण का वध हो गया है। कुंभकरण वध की सूचना सुनते ही रावण अपने पराक्रमी पुत्र मेघनाथ को युद्ध के मैदान में उतारने का आदेश देता है । उधर लक्ष्मण प्रभु राम की आज्ञा से युद्ध के मैदान में उतरते हैं । दोनों ही योद्धा अपने पास की शक्तियों को दिखाते हुए भीषण युद्ध करते हैं। मेघनाथ अपनी तमाम शक्तियां चलाता है लेकिन लक्ष्मण उसको विफल करते जाते हैं। मेघनाथ की दोहरी मुसीबत यह होती है कि लक्ष्मण के साथ-साथ महाबलशाली हनुमान भी मैदान में लगातार डटे हुए रहते हैं। जैसे ही मेघनाथ लक्ष्मण पर हावी होने का प्रयास करता है तो हनुमान उसके प्रयासों को सफल कर देते हैं । यह देखकर मेघनाथ अपने सेनापति आकंपन को आदेश देता है कि वह हनुमान को युद्ध करते-करते लक्ष्मण से दूर ले जाए। जैसे ही आकंपन हनुमान को युद्ध करते-करते लक्ष्मण से अलग कर देता है वैसे ही मेघनाथ ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करके लक्ष्मण को अचेत कर देता है। मेघनाथ लक्ष्मण जी को उठाकर समुद्र में फेंकना चाहता है तो आकाशवाणी होती है की मेघनाथ लक्ष्मण साक्षात शेषनाग का अवतार है और उन्होंने अपने फनों से धरती माता को जकड़ लिया है इसलिए तुम उन्हें धरती से नहीं उठा पाओगे । मेघनाथ यह आकाशवाणी सुनकर वापस लौट जाता है और तभी हनुमान वापस लक्ष्मण के समीप आते हैं और लक्ष्मण को मूर्छित देखकर उन्हें उठाकर राम दल में ले जाते हैं।

राम लक्ष्मण को बेहोश देखकर दुखी हो जाते हैं और विलाप करने लगते हैं । विभीषण राम को कहते हैं कि लंका नगरी पर जाकर वहां से सुषेण नाम के वैद्य को लाना होगा तभी कुछ निदान हो सकता है । हनुमान जी यह रामकार्य करने के लिए आगे आते हैं और उड़ान भर के लंका में पहुंच जाते हैं और वहां से सुषेण वैद्य को उठाकर राम शिविर में ले आते हैं। सुषेण वैद्य लक्ष्मण की गंभीर अवस्था से चिंतित होते हैं और कहते हैं कि यदि प्रातः होने से पहले हिमालय पर जाकर कोई संजीवनी बूटी ले आए तभी लक्ष्मण के प्राण बच सकते हैं । एक बार फिर राम अपने सबसे मजबूत साथी हनुमान की तरफ आशा भरी निगाहों से देखते हैं। हनुमान राम जी का आशीर्वाद लेकर एक बार फिर उड़ान भर हिमालय पर्वत पर जाते हैं और वहां से पूरे पहाड़ को ही उठाकर राम जी के शिविर में ले आते हैं। सुषेण वैद्य संजीवनी बूटी से लक्ष्मण जी का इलाज करते हैं और लक्ष्मण जी दोबारा जी उठाते हैं।

यह खबर रावण और मेघनाथ के पास पहुंचती है तो मेघनाथ लंका के देवी निकुंभ का एक यज्ञ करना चाहता है जिससे कि उसे अमोघ शक्तियां प्राप्त हो और वह लक्ष्मण को मौत के घाट उतार सके। विभीषण राम लक्ष्मण को यह बात बता देते हैं, जिस पर लक्ष्मण हनुमान यज्ञ का विध्वंस कर देते हैं। यज्ञ विध्वंस होने के बाद मेघनाथ समझ जाता है कि लक्ष्मण साक्षात शेषनाग का अवतार है और वहां रावण के पास जाकर उसकी सारी बात बताता है। वह रावण को यह बता देता है कि आज आपका हमारा अंतिम मिलन है लेकिन एक पुत्र का यह कर्तव्य है कि उसके होते हुए पिता को युद्ध भूमि में नहीं जाना चाहिए । मेघनाथ कहता है कि यदि आज वह युद्ध में जीत जाता है तो लक्ष्मण जीत कहलायेगा और यदि हार जाता है तो मुक्ति पाएगा, इसलिए पिताजी आप मुझे आज्ञा दो। रावण की आंखों में आंसू आ जाते हैं और वहां दुखी मन से मेघनाथ को अंतिम विदाई देता है । रावण से मुलाकात के बाद मेघनाथ अपनी धर्मपत्नी सुलोचना के पास जाते हैं और उनसे भी अंतिम विदाई लेते हैं। दोनों की आंखों में आंसू आ जाते हैं क्योंकि दोनों ही जानते हैं कि यह उनका अंतिम मिलन था। इसके बाद लक्ष्मण और मेघनाथ का भारी युद्ध होता है जिसमें मेघनाथ की समस्त शक्तियां लक्ष्मण के ऊपर निष्फल हो जाती हैं और लक्ष्मण अपने बाण से मेघनाथ का वध कर देते हैं।

आज राम की भूमिका में मनोज अरोरा, लक्ष्मण की भूमिका में गौरव राज बेहड़, हनुमान जी की भूमिका में – सुशील गाबा, रावण की भूमिका में विशाल भुड्डी, मेघनाद की भूमिका मे रमन अरोरा, विभीषण की भूमिका में सचिन आनन्द, तारा की भूमिका में, सुषैण वैद्य- मनोज मुंजाल, सुग्रीव- विशाल अनेजा, अंगद- मोहन अरोरा, तारा- सुमित आनन्द, सुलोचना संजीव आनन्द नें शानदार अभिनय कर उपस्थित हजारो जनता का मन मोह लिया।

संचालन मंच सचिव विजय जग्गा, केवल कृष्ण बत्रा एवं संदीप धीर नें किया।

इस दौरान श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष पवन अग्रवाल, महामंत्री विजय अरोरा, कोषाध्यक्ष अमित गंभीर सीए, समन्वयक नरेश शर्मा, वीना बेहड़, विजय जग्गा, व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा, राकेश सुखीजा, अमित अरोरा बोबी, सुशील गाबा, राजेश छाबड़ा, कर्मचन्द राजदेव, सुभाष खंडेलवाल, केवल कृष्ण बत्रा, सुनील ठुकराल, हरीश अरोरा, महावीर आजाद, अमित चावला आशीष मिड्ढा, विजय विरमानी, मनोज गाबा, रघुवीर अरोरा, मोहन लाल भुड्डी, प्रेम खुराना, संजीव आनन्द, गौरव तनेजा, हरीश सुखीजा, मनोज मंुजाल, राम कृश्ण कन्नौजिया, कुक्कू शर्मा, सौरभ राज बेहड़, राजकुमार कक्कड़, सचिन मंुजाल, सुभाष तनेजा, मनेाज अरोरा, गौरव जग्गा, पुलकित बांबा, सचिन आनन्द, उमेश पसरीचा, सुनील ठुकराल, पत्रकार परमपाल सुखीजा पम्मी, पत्रकार पूरन रावत, पत्रकार राजीव चावला, पत्रकार योगेश वर्मा, मयंक कक्कड़, तजेंद्र घई, आशीष गंभीर, डंपी चोपड़ा, संजीव छाबड़ा, पंकज बांगा, सुमित आनन्द, वैभव भुड्डी, दीपक अग्रवाल, अनमोल मिड्ढा, रोहित नागपाल, अमन गुम्बर, रोहित खुराना, गोगी, सन्नी आहूजा, राजन राठौर, बिट्टू ग्रोवर, पंकज सुखीजा, सुरेश बब्बर, अजय चड्डा,रवि अरोरा, चिराग कालड़ा, महेश गर्ग, संजीव कामरा, राजकुमार नारंग, सुशांत चौहान, दिग्गविजय चौहान, सौरभ नारंग आदि उपस्थित थे।

रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने रामलीला मैदान में विकास कार्यों हेतु की 5 लाख की घोषणा

विगत रात्रि की लीला में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचें भारत सरकार के रक्षा राज्य मंत्री, नैनीताल-उधम सिंह नगर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अजय भट्ट नें अपने संबोधन में विकास कार्यों के लिए 5 लाख की धनराशि स्वीकृत करने की घोषणा की। अपने संबोधन में सांसद भट्ट ने कहा कि आज रूद्रपुर की इस मुख्य रामलीला के मंच पर प्रभु श्रीराम चन्द्र जी, लक्ष्मण जी, हनुमान जी, रावण तथा मेघनाद के रूप में कलाकारों का इतना सुंदर लीला करना उन्होंनें पहले कभी नहीं देखा।

श्रीरामलीला कमेटी के तत्वाधान में श्रीरामलीला का मंचन पूरी मर्यादा, गरिमा के साथ ही भव्यता से मंचित किया जा रहा है। रामलीला कमेटी नें श्री रामलीला के माध्यम से प्रभु श्रीराम जी के प्रसंगों को आम जनता के समक्ष जिस जीवंतता से प्रस्तुत किया, उसे क्षेत्र की जनता नें अपना समर्थन दिया। मैदान पर उमड़ रहे जनसमूह को देखकर यह स्पष्ट महसूस हो रहा है।

धर्म के साथ जनसमूह को जोड़ने में सिद्धहस्त हैं मंच संचालक विजय जग्गा

रूद्रपुर- श्री रामलीला कमेटी के उपाध्यक्ष एवं मंच सचिव विजय जग्गा रामलीला संचालन की जिम्मेवारी भी निभा रहें है। विजय जग्गा को श्री रामलीला कमेटी के संस्थापक अध्यक्ष स्वर्गीय किशोरी लाल धीर जी नें 1986 में कमेटी में उपसचिव के रूप में जोड़ा था। जब तिलक राज बेहड़ अध्यक्ष बने, तब विजय जग्गा महामंत्री के रूप में उनके साथ रहे। जब श्री रामलीला मैदान पर एक सत्ताधारी दल के लोग कब्जा करना चाहते थे उसे समय हुए गोलीकांड में भी विजय जग्गा वहीं मौजूद थे। उन्होंने सामने स्थित एक पीसीओ से पुलिस प्रशासन को फोन कर पूरे मामले की जानकारी देकर फोर्स को भेजने का आग्रह किया था। श्री जग्गा कहते हैं कि श्री रामलीला मंचन की सेवा के दौरान उनका पूरा लक्ष्य प्रभु श्री राम जी की लीला के प्रसंग के माध्यम से उपस्थित जनसमूह को सनातन धर्म के साथ जोड़ने एवं लीला के प्रसंगों के अंदर जो शिक्षा है उसे समझने का प्रयास रहता है।

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