आपदा प्रबंधन एवं न्यूनीकरण अति महत्वपूर्ण, रुहेला उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन ने परखी प्रशासन की तैयारी जनपद में 52 गांव अति संवेदनशील, 70 संवेदनशील चिह्नित
नरेन्द्र राठौर
रुद्रपुर(खबर धमाका)। उपाध्यक्ष उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन विनय रुहेला की अध्यक्षता में एपीजे कलाम सभागार में आपदा प्रबंधन एवं मानसून सत्र के तैयारियों की समीक्षा बैठक हुई। उपाध्यक्ष ने कहा कि आपदा प्रबंधन एवं न्यूनीकरण अति महत्वपूर्ण है। इसलिए कार्ययोजना बनाकर समन्वय बनाते हुए कार्य करें। मंगलवार को उन्होंने बाढ़ के दौरान गर्भवती महिलाओं, दिव्यांगों की संवेदनशील होकर सहायता करने के साथ ही सड़क, विद्युत, पेयजल, खाद्यान्न, स्वास्थ्य व आपदा राहत बचाव आदि से संबंधित कार्य त्वरित गति से करने के निर्देश दिए। उन्होंने काशीपुर नगर आयुक्त को बलिया नाला, भाला नदी, द्रोण सागर में कई स्थानों पर टूट-फूट व सफाई कार्यों को शीघ्र कराने के लिए कहा। रैन बसेरों में पर्याप्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। डीएम उदयराज सिंह ने बताया कि आपदा प्रबंधन की तैयारियां कर ली गई हैं। बताया कि जनपद में 10 नदियां हैं जिनका जल प्रवाह स्तर अभी न्यून है और जलाशयों में भी पानी चेतावनी के स्तर से 20 फुट नीचे है। डीएम ने न्यूनीकरण निधि में पांच करोड़ रुपये की धनराशि आवंटन करने की मांग की। साथ ही उन्होंने सहायता राशि प्रदान करने के मानकों में सरलीकरण करने व जिले के निचले स्थानों पर पक्के हैलीपैड का निर्माण करने व जीर्ण-शीर्ण स्कूलों के प्रस्तावों पर त्वरित रूप से धनराशि आवंटित करने का सुझाव दिया। वहां सीडीओ मनीष कुमार, उत्तम दत्ता, कमल जिंदल, गुंजन सुखीजा, एडीएम अशोक कुमार जोशी आदि थे।
52 गांव अति संवेदनशील, 70 संवेदनशील चिह्नित
रुद्रपुर। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद मुख्यालय व सभी तहसीलों में कंट्रोल रूम संचालित हैं। जिले में विगत वर्षों में आपदा की दृष्टि से 52 गांव अतिसंवेदनशील व 70 गांव संवेदनशील चिन्हित किए गए हैं। नियंत्रण के लिए 29 बाढ़ चौकियां व आठ बाढ़ नियंत्रण केंद्र संचालित हैं तथा 101 आश्रय स्थल चिह्नित किए गए हैं। इनमें 51 हजार लोगों के ठहरने की व्यवस्था है