उधमसिंह नगर

लोनिवि के अवर अभियंता को पांच वर्ष का कारावास  आठ हजार की रिश्वत लेते हुआ था गिरफ्तार 

नरेन्द्र राठौर(खबर धमाका)। रिश्वत लेने के मामले में दोष साबित होने पर विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण नीलम रात्रा की कोर्ट ने लोनिवि के अवर अभियंता (जेई) को पांच साल की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

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विजिलेंस कार्यालय के अनुसार हल्द्वानी के रामड़ी फतेहपुर निवासी ठेकेदार धीरेंद्र सिंह ने फरवरी 2018 को दिए शिकायती पत्र में कहा था कि लोनिवि की विद्युत-यांत्रिकी डिवीजन पिथौरागढ़ में उसकी फर्म पंजीकृत है। वह विभाग से जुड़े कामों के ठेके लेता है। 2017 में विभाग से मिले एक टेंडर से जुड़े कार्य को उसने चार माह के अंदर पूरा कर लिया। उसके बावजूद पिथौरागढ़ डिवीजन में तैनात जेई अमित गिरी ने कामों की माप पुस्तिका (मेजरमेंट बुक) में नहीं चढ़ाया। जिस वजह से भुगतान होना भी मुश्किल हो गया। इसके बाद ठेकेदार ने हल्द्वानी स्थित अधीक्षण कार्यालय में अमित से इस संबंध में मुलाकात की तो जेई ने साफ कह दिया कि तुमने दो अन्य जगहों का कमीशन भी उसे नहीं दिया। इसलिएअब 8500 रुपये देने पर ही आगे का काम होगा। इसके बाद मामला विजिलेंस के पास पहुंच गया। जांच में शिकायत सही मिलने पर विजिलेंस ने आठ फरवरी 2018 को जेई अमित गिरी को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार भी कर लिया। अभियोजन अधिकारी दीपा रानी ने न्यायालय में 13 गवाहों का परीक्षण कराया

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