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उधमसिंह नगर

सुबाहु मारीच की खरमस्तियां से राम-परशूराम संवाद तक की लीला का हुआ मंचन। रुद्रपुर की मुख्य रामलीला के तीसरे दिन किच्छा विधायक बेहड ने किया शुभारंभ।

नरेन्द्र राठौर

रुद्रपुर(खबर धमाका)। नगर की प्रमुख बस स्टैंड वाली रामलीला में आज तृतीय दिवस में सुबाहु मारीच की खरमस्तियां, विश्वामित्र यज्ञ विध्वंस, विश्वामित्र का अयोध्या जाकर राजा दशरथ से उनकें पुत्रों राम-लक्ष्मण को लेकर आना, सुबाहु वध, ताड़का का विकराल रूप, ताड़का वध, अहिल्या तरण, सीता स्वयंवर, रावण वाणासुर संवाद, धनुश टूटना, राम-परशूराम संवाद तक की सुंदर लीला का मंचन हुआ। आज लीला का शुभारंभ मुख्य अतिथि विष्णों लोजिस्स्टिक के स्वामी सूरज कालड़ा नें अपनी धर्मपत्नी रेनु कालड़ा, अपनें अभिन्न मित्रों राजकुमार नारंग, दीपक गुम्बर, तरूण अरोरा के साथ प्रभु श्रीरामचन्द्र जी के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलन कर किया। श्री रामलीला कमेटी नें सभी का माल्यार्पण कर स्वागत किया। आज की लीला देखनें किच्छा विधायक तिलक राज बेहड़ भी अपनी धर्मपत्नी बीना बेहड़ व सपिरवार पहुंचकर देर रात्रि तक लीला को देखा। श्री बेहड़ नें समस्त कलाकारों से भेंट कर उनका हौंसला अफजाई भी की।

अपनें संबोधन में विधायक तिलक राज बेहड़ नें कहा कि यह विशाल मंच एक बड़ें संघर्ष का परिणाम है। नब्बे के दशक में एक राजनैतिक पार्टी नें जो जमीन सरकारी है, वो जमीन हमारी है का नारा लगाकर इस रामलीला मैदान से महावीर जी का ध्वज उतार दिया था। उन्होंनें तत्कालीन सीओ और एसडीएम से इसकी शिकायत की तो उन्होनें कोई सुनवाई न की। साफ था कि पूरा सिस्टम सत्ता के दबाव में चुप्पी साध चुका था। यह देखकर अगली सुबह वह अपने कुछ साथियों के साथ पांच मंदिर से महावीर ध्वज लेकर रामलीला ग्राउन्ड पहुंचें और वहां महावीर ध्वज स्थापित कर दिया। तत्कालीन सत्ता दल के जो लोग इस ग्राउन्ड पर कब्जा करने की नीयत में थें, उन्होनें उन पर गोली चला दी, जो कि उनके एक साथी को जा लगी, लेकिन जनसहयोग से इस मैदान पर स्थापित हुआ महावीर ध्वज लहराता रहा, जो कि अब प्रभु राम जी की कृपा से अनंतकाल तक लहराता रहेगा।

आज की लीला में गणेश वंदना एवं राम वंदना के पश्चात प्रथम दृष्य में दिखाया गया कि वनों में दुर्दान्त राक्षसों सुबाहु-मारीच की खरमस्तियां और उनके द्वारा की जा रही लूटपाट चरम पर है। दोनों राक्षस विश्वामित्र द्वारा किया जा रहा यज्ञ विध्वंस कर देते हैं। गुस्साये विश्वामित्र राजा दशरथ के दरबार पहुंचकर न्याय की गुहार लगाते हैं और बालक राम लक्ष्मण को अपनें साथ ले आते है। वनों के रास्तें में उनका सामना खतरनाक राक्षसी ताड़का से होता है। भयंकर युद्ध के बाद ताड़का मारी जाती है। इधर युद्ध में सुबाहु भी मारा जाता है और मारीच भाग जाता है। विश्वामित्र दोनों राजकुमारों की शिक्षा-दीक्षा करतें है। शिक्षा के उपरान्त अयोध्या नगरी के दूत द्वारा उन्हें सीता स्वयंवर की सूचना दी जाती है। विश्वामित्र दोनों राजकुमारों को लेकर अयोध्या रवाना हो जाते हैं। रास्तेें में राम अहिल्या का उद्धार करते है। जनकपुरी में सीता स्वयंवर में आये समस्त राजकुमारों के निराश हो जानें के बाद राम उठते हैं और स्वयंवर की शर्त को पूरा करते हुये धनुश की प्रत्यंचा चढ़ाते हैं। इसी दौरा धनुश टूट जाता है तथा राम – सीता विवाह संपन्न होता है। इधर परशूराम धनुष टूटनें की बात पर क्रोधित हो जाते है। लबेें वाद विवाद के बाद परशूराम दोनों राजकुमारों को आशीर्वाद देकर चले जाते है।

आज की लीला में भगवान गणेश के रूप में आषीश ग्रोवर आशु, सुबाहु- मनोज मुंजाल, दशरथ की भूमिका में प्रेम खुराना, मारीच की भूमिका में सचिन मुंजाल, विश्वामित्र- मोहन भुड्डी, ताड़का-रमन अरोरा, छोटे राम की भूमिका में आशमन अरोरा, छोटा लक्ष्मण- पुरूराज बेहड़, अहिल्या की भूमिका में सुमित आनन्द, जनक- अनिल तनेजा, वशिष्ठ- मनोज मुंजाल, राम- मनोज अरोरा, लक्ष्मण- गौरव जग्गा, सीताजी – दीपक अग्रवाल, लखटकिया नरेश मनोज मुंजाल, परशुराम- गुरशरण बब्बर सन्नी, वाणासुर- वैभव भुड्डी, रावण- रोहित नागपाल, ताड़का के रिष्तेदारों का किरदार- राम कृश्ण कन्नौजिया, कुक्कू शर्मा, गोगी नरूला, आयुश्मान सुशील गाबा, कनव गंभीर, राजा के किरदार शिवांश छाबड़ा, सन्नी आहूजा, जय तनेजा, आदि नें निभाया।

इस दौरान श्री रामलीला कमेटी के संरक्षक तिलक राज बेहड़, अध्यक्ष पवन अग्रवाल, महामंत्री विजय अरोड़ा, कोषाध्यक्ष अमित गंभीर, नरेश शर्मा, सुभाष खंडेलवाल, विजय जग्गा, केवल किशन बत्रा, अमित अरोड़ा बॉबी, हरीश अरोड़ा, राकेश सुखीजा, महावीर आजाद, विजय विरमानी, आशीष मिड्ढा, जगदीश टंडन, अमित चावला, गौरव राज बेहड़, अशोक गुंबर, संदीप धीर, सतपाल गाबा, मनोज गाबा, रोनिक नारंग, राजू त्रिखा, मोहन लाल गाबा, परमपाल सुखीजा पम्मी, आदि उपस्थित थे।

तड़का का रौद्र रूप देखकर रोने लगे बच्चे

आज ताड़का के किरदार को वरिश्ठ कलाकार रमन अरोरा नें बखूबी निभाया। उनकें किरदार की रूप श्रंगार ऐसा गजब था कि मानो चेहरे पर कूट कूट कर क्रूरता भर दी गयी हो। ताड़का के दर्शक दीर्घा में पहुंचते ही रोमांच और आतंक छा गया। रोद्र अभिनय ऐसा विकट विकराल कि बच्चें अपनी माता की गोद में जा छिपे। अनेकों बच्चे तो रोनें लगे।

छोटे राम की भूमिका में आशमन, छोटे लक्ष्मण की भूमिका में चमके पुरूराज

आज की लीला में छोटे राम की भूमिका में आशमन, छोटे लक्ष्मण की भूमिका में पुरूराज बेहड़ नें जनता का दिल जीत लिया। राजा दशरथ के साथ उनका क्रीड़ा करना, राजा विश्वामित्र से शस्त्र विद्या सीखना, ताड़का से यु़द्ध के समय संवाद अदायगी आदि समस्त दृष्यो में दोनों बालकों नें अपनी प्रतिभा के जौहर दिखाकर जनता जनार्दन का तालियों रूपी आशीर्वाद बटोरा।

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श्री सनातन धर्म युवा मंच नें सभ्ंााली सुरक्षा व्यवस्था एवं टिकट व्यवस्था- संपूर्ण रामलीला में श्री सनातन धर्म युवा मंच नें सुरक्षा व्यवस्था एवं कुर्सी पास व्यवस्था बखूबी संभाल रखी है। मंच के सदस्यों द्वारा धर्म प्रेमी जनता से दानराशि एकत्र करके भी श्री रामलीला कमेटी के पास पहुंचायी जाती है। इस सेवा कार्य में अमित अरोरा बोबी, विजय विरमानी, रवि अरोरा, कर्मचंद राजदेव, आशीष मिड्ढा, सचिन तनेजा, रोहित जग्गा, अमित चावला, चिराग कालड़ा द्वारा सक्रिय सहयोग दिया जा रहा है।

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