आखिर देशभर में क्यों मनाया जाता है करवाचौथ। महिलाएं क्यों करती है इन दिन का बेसब्री से इंतजार। समाजसेवी प्रताप सिंह नेगी की विशेष रिपोर्ट
नरेन्द्र राठौर (खबर धमाका)। करवा चौथ का वर्त हर साल कार्तिक चतुर्थी कर्षण पक्ष को मनाया जाता है।
उत्तर भारत के विवाहित महिलाओं को करवा चौथ वर्त का बेसब्री से इंतजार होता है ।
करवा चौथ वर्त उत्तर भारत के पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल, यूपी, बिहार,मध्य प्रदेश, दिल्ली आदि राज्यों में करवा चौथ का वर्त हर साल कार्तिक चतुर्थी तिथि कृष्ण पक्ष को मनाया जाता है। चतुर्थी तिथि को ये वर्त पड़ने का कारण इसे करवा चौथ बोला जाता है।
करवा चौथ के वर्त के दिन महिला निर्जला वर्त रखती है।इस दिन महिलाएं सोल्ह श्रंगार के साथ इस वर्त को अपने पति की दीर्घ आयु के लिए शिव पार्वती की पूजा करती है। करवा चौथ के वर्त विवाहित महिलाएं पूरे दिन उपवास रखकर रात्रि को चांद को छिलनी से देखते हुए अपनी पति की दीर्घ आयु के लिए कामनाएं करती है। फिर विवाहित महिलाओं को पति के द्वारा जल पिला कर यह वर्त तोडा जाता है।
इस समय उत्तर-भारत व दिल्ली सहित कई राज्यों में मार्केट में करवा चौथ के वर्त के लिए महिलाओं के आभूषण व , श्रंगार समाग्री के लिए चल पहल दिख रही है।
आइये आगे को बताते चलें करवा चौथ क्यों मनाया जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार करवा चौथ वर्त को मनाने के लिए अलग-अलग कहावतें है।
मां करवा एक स्त्री थी मां करवा ने अपने पति रक्षा के लिए यह वर्त रखा था। इधर भगवान श्री कृष्ण के कहने से द्रौपदी ने भी करवा चौथ वर्त किया था।
देवताओं व दानवों में युद्ध चल रहा था ब्रह्मा जी ने देवताओं की पत्नियों को वर्त करने का सुझाव दिया। इंद्राणी ने इन्द्र के लिए व अन्य देवताओं की पत्नियों ने निर्जला का वर्त धारण किया उस युद्ध में देवताओं की जीत हुई।जीत के बाद रात्रि में चांद दिखाई दिया उस दिन कार्तिक चतुर्थी का दिन था सभी देवताओं की पत्नियों का वर्त देवताओं ने जल पिलाकर अपने पत्नियों का वर्त तोड़ा।उसी दिन से करवा चौथ वर्त धारण करने की परंपरा है। इधर पार्वती जी ने शिब भगवान को पाने के लिए यह वर्त रखा।
प्रताप सिंह नेगी समाजसेवी ने बताया हमारे हिन्दू धर्म में हर त्यौहार,व वर्त रखने के लिए व अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में अलग-अलग पौराणिक कहावतें है।जो हिन्दू सनातन धर्म में प्राचीन काल से मानाये जाते हैं।
ऐसी करवा चौथ वर्त धारण करने की प्रथा आज़ भी उतर भारत के साथ साथ अन्य राज्यों में भी इस वर्त विवाहित महिलाएं बिधि बिधान मनाती आ रही है।