उत्तराखंड

वाह!डीएम उदयराज सिंह ने यूजलेस जमीन को बना दिया सोना।सैकड़ों परिवार की चलेगी रोजी रोटी, निगम की भी बढ़ेगी आय।देखिए video, कैसे ऊधमसिंहनगर के डीएम ने कर दिया कमाल 

नरेन्द्र राठौर/रुद्रपुर(खबर धमाका)। कहते कि कुछ करने इच्छा शक्ति और आपके पास अच्छी सोच,ताजुर्वा हो तो फिर कूड़े के ढेर पर भी उम्मीद और सफलता के पंख लगाए जा सकते हैं। इसमें एक नाम ऊधमसिंहनगर में डीएम उदयराज सिंह का भी है। अपने कार्याकाल के आंतिम दिनों में ऊधमसिंहनगर की कमान संभालेंगे के बाद उन्होंने एक लंबी लकीर खींच दी है। उन्होंने वो सब कुछ कर दिखाया है,जिसकी उम्मीद शायद किसी को नहीं थी। लेकिन 60 वर्ष की उम्र में उन्होंने वो कर दिखाया जो आज तक न तो कोई डीएम कर पाया और न ही कोई दूसरा अधिकारी। प्रदेश की धामी सरकार भी उनके विजन और सोच की कयाल हो चुकी है‌।

आप सोच रहे होंगे की हम डीएम उदयराज कि हम इतनी तारीफ क्यों कर रहे हैं। तो आपको बता कि शहर में नगर निगम के समाने बैंडिंग जोन बनाया जा रहा है। यूं तो यह बैंडिंग जोन दो वर्ष पूर्व चिन्हित था, इसके अलावा शहर सात और जगहों पर बैंडिंग जोन चिन्हित है। प्रशासन की मंशा थी शहर के मुख्य बाजार व अन्य जगहों पर सड़कों पर खडी होने वाली ठेली,फंड लगाने लोगों को इस जगहों पर शिफ्ट कर दिया जायेगा। जिससे शहर की व्यवस्था भी नहीं बिगड़ेगी और अपना परिवार फंड और ठेली से लगाने वाले लोगों की परेशानियां भी दूर हो जायेगी। लेकिन तत्कालीन मेयर ने प्रशासन द्वारा चिन्हित इन बैंडिंग जोन को बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके पीछे उनकी सोच और इच्छा शक्ति का अभाव मुख्य बजह थी, लेकिन जैसे ही निकाय का कार्यकाल खत्म हुआ और डीएम उदयराज सिंह नगर निगम के प्रशासक बने, उन्होंने शहर में तीन बड़े काम कर दिखाया। बैंडिंग जोन जहां बन रहा वह जगह नगर निगम के ठीक समाने ही ही है, सिंचाई विभाग और बिजली विभाग के दफ्तरों के बीच से गुजर रहे नाले के दोनों तरफ बैंडिंग जोन का निर्माण युद्ध स्तर पर चल रहा है।आपको बता कि इस जगह पर बड़ी बड़ी घास, झाड़ियां खड़ी थी,तो कुछ लोगों ने अतिक्रमण भी कर रखा था। मुख्य सड़क से खड़े होकर कोई यह अनुमान नहीं लगा सकता था कि इस जमीन से सैकड़ों घरों के चूल्हे जल सकते हैं। लेकिन डीएम उदयराज सिंह की सोच से बन रहे बैंडिंग जोन पर यदि आप अभी जायेगा तो इसकी कीमत समझ जायेंगे। यानी जो जमीन यूजलेस थी,वहीं जमीन सोना बन गई है।फिलहाल प्रशासन की तरफ से करीब 400-500 के करीब दुकाने बनाई जा रही है, यानी 500 गरीब लोगों को अपना घर चलाने की जगह मिल जायेगी। इससे इतने परिवार तो चलेगें ही निगम को राजस्व भी मिलेगा।

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